वैज्ञानिक महत्व

वैज्ञानिक महत्व

  • गाय धरती पर एकमात्र ऐसा प्राणी है जो आक्सीजन ग्रहण करता है. साथ ही आक्सीजन ही छोड़ता है.
  • गाय के मूत्र में पोटैशियम, सोडियम, नाइट्रोजन, फॉस्फेट, यूरिया एवं यूरिक एसिड होता है.
  • दूध देते समय गाय के मूत्र में लैक्टोस की वृद्धि होती है, जो हृदय रोगों के लिए लाभकारी है.
  • गौ माता का दूध चिकनाई रहित परन्तु शक्तिशाली होता है. उसे कितना भी पीने से मोटापा नहीं बढ़ता तथा स्त्रियों के प्रदर रोग में भी लाभदायक होता है.
  • गौ माता के गोबर के उपले जलने से मक्खी मछर आदि कीटाणु नहीं होते तथा दुर्गन्ध का भी नाश होता है.
  • गौ-मूत्र सुबह खाली पेट पीने से कैंसर ठीक हो जाता है.
  • गौमाता के गोबर में विटामिन बी-12 प्रचुर मात्रा में होताहै, यह रेडियोधर्मिता को सोख लेता है.
  • गौ-माता के शारीर पर प्रतिदिन 15-20 मिनट हाथ फेरने से ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी एकदम ठीक हो जाती है.
  • गौ-माता के शरीर से निकलने वाली सात्विक तरंगे आस-पास के वायुमंडल को प्रदूषण रहित बनाती है.
  • गौ-माता के शारीर से प्राकृतिक रूप से गूगल की गंध निकलती है.
  • गौ या उसके बछड़े के रंभाने से निकलने वाली आवाज़ मंदिक विकृतियों तथा रोगों को नष्ट करती है.
  • इन सभी तथ्यों की पुष्टि जर्मन के कृषि वैज्ञानिक डॉ. जुलिशुस एवं डॉ. बुक द्वारा की जा चुकी है
  • अमरीकन वैज्ञानिक जेम्स मार्टिन के अनुसार गाय का गोबर एवं खमीर को समुद्र के पानी के साथ मिला कर ऐसा केमिकल बनाया जो बंजर भूमि को हरा-भरा कर देता है. सूखे तेल के कुए में फिर से तेल आ जाता है.

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